मध्यप्रदेश के वन विभाग ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि उच्च पद का प्रभार संभाल रहे वन कर्मचारी और अधिकारी अब पदावनत (डिमोट) नहीं किए जाएंगे। इस निर्णय से प्रदेश के वन कर्मचारियों और अधिकारियों में राहत और संतोष का माहौल है। वन मुख्यालय ने बताया कि 15 अक्टूबर 2025 को जारी उच्च पद प्रभार आदेश भले ही निरस्त किया गया था, लेकिन किसी कर्मचारी को पदावनत करने का आदेश कभी जारी नहीं हुआ। बावजूद इसके, कुछ जिला वन अधिकारियों ने आदेश की गलत व्याख्या करते हुए उच्च पद पर कार्यरत कर्मचारियों को पदावनत करना शुरू कर दिया था। अब इसे नियमों के खिलाफ माना गया है।
नए आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि केवल वही कर्मचारी या अधिकारी पदावनत होंगे, जिन्हें भविष्य में ‘पदोन्नति सेवा नियम 2025’ लागू होने के बाद पदोन्नति समिति द्वारा अपात्र घोषित किया जाएगा। यानी वर्तमान में जो कर्मचारी उच्च पद पर कार्यरत हैं, उनका पद सुरक्षित रहेगा। मध्यप्रदेश वन कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे लंबे समय से चल रही असमंजस की स्थिति को दूर करने वाला कदम बताया।